Friday, May 14, 2010

फासले ऐसे भी होंगे

.सच्चिदानंद जोशी.
एक दिन शाम को टी वी के सामने बैठकर चैनल सर्फ करते समय अचानक एक चैनल पर काफी विद करण चलता दिखाई दे गया। करन जौहर द्वारा प्रस्तुत यह कार्यक्रम जितनी भी बार टी वी पर चालू हुआ है हर बार बार उसके चाहने वालो की संख्या में इजाफा ही हुआ है। एक फिल्म निर्देशक के तौर पर करन जौहर के बारे में अपनी राय सुरक्षित रखते हुए मैं विश्वास से कह सकता हूं कि एक कार्यक्रम प्रस्तोता के रूप में वे निःसंदेह बेजोड़ है। फिल्मी जगत के अपने वर्षों के सम्बन्धों को उन्होंने जितनी खूबी से इस कार्यक्रम के माध्यम से बुना है वह भी काबिले तारीफ है। इसलिये मैं इस कार्यक्रम का दीवाना हॅू। मेरी ही तरह और भी बहुत सारे होंगे जो अभी भी यह कार्यक्रम किसी चैनल पर पकडाई में आ जाने पर उसे देखने का लोभ संवरण नहीं कर पाते होंगे। (आय पी एल के मैचों के बावजूद)।
उस दिन कार्यक्रम की मेहमान थी रानी मुखर्जी और करीना कपूर। इन दोनों ही अभिनेत्रियों की देहयष्टि देखकर यह बात साफ बताई जा सकती थी कि रिकार्डिंग काफी पुरानी है। क्योंकि इसमें दोनों ही बालीवुड बालायें सुडौल और खाते पीते घर की नजर आ रही थी। वर्ना इन दिनों तो जीरो फिगर के चक्कर में ये दोनों ही दुबली बल्कि कहिये बीमार सी नजर आने लगी है। (कार्यक्रम के बाद टाईटल रोल में देखा कापी राईट 2004 का था )।
कुछ देर कार्यक्रम देखने के बाद ही समझ में आ गया कि यह पहले देखा हुआ है। लेकिन उसका पुराना होना ही रोचकता बढ़ाता चला गया और पूरा कार्यक्रम देखने के बाद ही चैनल छोड़ पाया। उसमें पूछे जाने वाले सवालों और कलाकारों के जवाब सुनकर बहुत ही मजा आ रहा था। मसलन रानी मुखर्जी को उम्मीद थी उसकी आने वाली फिल्मों से जिसमें लागा चुनरी में दाग प्रमुख थी। यह फिल्म कब आई और कब चली गई हमें पता ही चला। जब करन जौहर ने रानी से पूछा कि करीना का पास ऐसा क्या है जो तुम्हारे पास नहीं है तो रानी का चुहल भरा जवाब था शाहिद कपूर। रानी के इस जवाब पर करीना ऐेसे लजाई कि उस पर आज भी शाहिद कुर्बान हो सकते है। यही सवाल जब करीना से पूछा गया तो उसके जवाब में रानी और करन का करीना पर शाहिद का नाम लेने का दवाब और फिर करीना का शर्मिली मुस्कुराहट के साथ शाहिद का नाम लेना चुधियाने वाला था।
ऐसा ही हाल रानी का था जब उससे पूछा गया कि यदि अभिषेक बच्चन तुम्हें अभी शादी करने का प्रस्ताव दे तो तुम्हारी क्या प्रतिक्रिया होगी। रानी ने उसका जवाब टाल तो दिया पर उसमें भी अभिषेक पूछे तो सही मैं तुरंत हा कर दूंगी वाला भाव साफ झलक रहा था। विवेक ओबेराय के बारे में पूछने पर रानी का बहुत ही ठंडा सा जवाब नो कमेंट भी बड़ा रोचक लगा।
करीना से जब शाहरूख सलमान आमिर और सैफ इन चारों अभिनेताओं को श्रेष्ठता के क्रम में रखने को कहा गया तो करीना ने सैफअली खान का नाम सबसे आखिर में लिया। यदि आज करीना से वही सवाल पूछा जाये तो कहानी कुछ और होगी ऐसा लगता है।
सैफ के भी वही हाल थे। जब कुछ अभिनेताओं और निर्देशकों से दोनो अभिनेत्रियों की अभिनय क्षमता और सेक्स अपील के बारे में सर्वेनुमा सवाल किये गये तो सैफ ने रानी को बेहतर कलाकार बताया। करीना की सेक्स अपील के बारे में भी वे ज्यादा उत्साह से नहीं बोल पाये। सैफ का जवाब वैसा ही था जैसा अन्य अभिनेताओं का था। बल्कि अन्य अभिनेता शायद करीना से अपनी ज्यादा नजदीकीया दिखा रहे थे। सैफ के लिये शायद करीना का महत्व उतना ही था जितना किसी और अभिनेत्री का होगा।
2004 में रिकार्ड किये गये उस कार्यक्रम के समय किसे पता था कि आज से छः साल बाद जब ये कार्यक्रम किसी संयोग से देखा जायेगा तो समीकरण कितने बदल जायेंगे। इसका अंदाजा न तो इन अभिनेत्रियों को रहा होगा और न करन जौहर को। क्योंकि यदि ऐसा होता तो वे करीना को शाहिद का और रानी को अभिषेक का नाम लेने के लिये इतना न उकसाते और न ही ये अभिनेत्रिया उनका नाम जुबां पर लाने में इतना शरमाती।
महान अभिनेता चार्ली चैपलिन ने कहा था कि जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं होता। इसलिये मेरे जीवन में आने वाले दुख भी जल्दी ही बीत जायेंगे।( हमारे यहा भी कहावत है सब दिन होत न एकसमाना)। यही कारण है कि 2004 में एक अभिनेत्री के रूप में शिखर पर विराजमान रानी मुखर्जी आज अपनी सैक्स अपील को स्थापित करने के लिये हाथ पैर मार रही है और शाहिद कपूर के साथ दिल बोले हडिप्पा जैसी असफल फिल्में कर अपने कैरियर को और गर्त में डुबो रही है। दूसरी और सिर्फ अपनी सैक्स अपील और बिंदास अंदाज के लिये मशहुर करीना कपूर कुर्बान जैसी फिल्में कर श्रेष्ठ अभिनेत्रियों की कतार में सबसे आगे है और उनके प्रेमी सैफ अली खान उनके नाम का टैटू खुदवाये पूरी दुनिया में घूम रहे है। रानी आदित्य चैपड़ा के साथ अपने गोपनीय प्रेम प्रकरण को लेकर चर्चा में है और अभिषेक बच्चन अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय के साथ अपना पारिवारिक जीवन मजे से काट रहे हैं।
सुख दुख स्थाई नहीं होता यह तो मान लिया पर निजि सम्बन्धों के बारे में क्या कहें क्या वे भी जीवन में एक दौर की तरह ही बदलते रहेंगे। जैसा राजनीति में कहा जाता है कि कोई भी स्थाई शत्रु या मित्र नहीं होता यही बात इन फिल्मी कलाकारों के लिये भी सच मालूम पड़ती है। वह जो कुछ भी हो इस चैट शो की पुरानी रिकार्डिंग देखकर इतना तो कहना ही पड़ा। फासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था।

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